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बुधवार, 8 जनवरी 2014

hasya salila: umar kaid - sanjiv

हास्य सलिला:
उमर कैद
संजीव 
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लालू पहुँचे कचहरी बैठे चुप दम साध
जज बोलीं: 'दिल चुराया, है चोरी अपराध
हाथ जोड़ उत्तर दिया: ' क्षमा करें सरकार!
दिल देकर दिल ले लिया, किया महज व्यापार'
'लाइसेंस-कर के बिना, बिजनेसकरना दोष'
मौका मिले हुजूर तो भर देंगे हैम कोष'
'बेजा कब्जा कर बसे दिल में छीना चैन
रात ख्वाब में आ रहे, भले बंद हों नैन'
'लाख करो इंकार पर मानेंगे इकरार
करो जुर्म स्वीकार चुप, बंद करो तकरार'
'देख अदा लत लग गयी, किया न कोई गुनाह
बैठ अदालत में भरें नित दिल थामे आह'
'नहीं जमानत मिलेगी, सात पड़ेंगे फंद'
उमर कैद की सजा सुन , हुई बोलती बंद
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