हास्य कविता:
लालू -लाली कॉमेडी शो
संजीव
*
लालू से लाली हँस बोली: 'सुबह-सुबह सच सुन लो
भाग जगे जो मुझ सी बीबी पायी सपने बुन लो
अलादीन का ले चराग खोजो तो भी हारोगे
मुझ सी बीबी मिल न सकेगी, मुझ पर जां वारोगे'
लालू बोले: ' गलती की है एक बार सच मनो
दोबारा दोहराऊंगा मैं कभी नहीं सच जानो'
लालू-लाली की खिचखिच सुन बच्चे फिर मुस्काये
इनका कॉमेडी शो असली से ज्यादा मन भाये
-------------------------------------------------------------------------------------------------------------
लालू -लाली कॉमेडी शो
संजीव
*
लालू से लाली हँस बोली: 'सुबह-सुबह सच सुन लो
भाग जगे जो मुझ सी बीबी पायी सपने बुन लो
अलादीन का ले चराग खोजो तो भी हारोगे
मुझ सी बीबी मिल न सकेगी, मुझ पर जां वारोगे'
लालू बोले: ' गलती की है एक बार सच मनो
दोबारा दोहराऊंगा मैं कभी नहीं सच जानो'
लालू-लाली की खिचखिच सुन बच्चे फिर मुस्काये
इनका कॉमेडी शो असली से ज्यादा मन भाये
-------------------------------------------------------------------------------------------------------------
sn Sharma द्वारा yahoogroups.com
जवाब देंहटाएंekavita
आ० आचार्य जी,
सुन्दर हास्य । चरित्र-अभिनेता भी आपने कथानक
के अनुकूल चुने हैं । बधाई ।
लाली बोली पालो बच्चों को मैं अब मइके जाती हूँ
लालू बोले जाने क्यों फिर लौट लौट आ जाती हो
कमल