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गुरुवार, 24 अप्रैल 2014

Chunav Ayog ki Web Sight: sanjiv



                                                                                     
विश्व हिंदी विकास परिषद
समन्वयम, २०४ विजय अपार्टमेंट, नेपियर टाउन जबलपुर ४८२००१
पत्रांक:  १०५  / वे आ / दिल्ली / २०१४                                                                       जबलपुर दिनांक: २४-४-२०१४

प्रति:
नुख्या चुनाव आयुक्त
चुनाव आयोग
भारत सरकार दिल्ली।
विषय: हिंदी वेब साइट ।
मान्यवर,
            राष्ट्रीय चनाव आयोग की हिंदी वेब साइट के श्री गणेश हेतु आपको तथा सभी योगदानकर्ताओ को धन्यवाद । निस्संदेह  अंग्रेजी वेब साइट की तुलना में हिंदी वेब साइट  जानकारियां नगण्य हैं किन्तु 'वेल बिगिन इज  हाफ डन ' के अनुसार कुछ न होने से कुछ होना बेहतर है.
            सादर अनुरोध है कि:

१. संसदीय राजभाषा समिति के ८वें  प्रतिवेदन की अनुशंसा क्रमांक ४४ एवं ६६ के अनुसार भारत सरकार से सम्बंधित सभी उपक्रमों की वेब साइट पूरी तरह द्विभाषी होना अनिवार्य है किन्तु जानकारी विहीन साइट निरुपयोगी होगीं। अतः, आयोग की अंग्रेजी वेब साइट पर उपलब्ध जानकारी तत्काल हिंदी में  अनुवादित कर उपलब्ध करायी जाए.
२. आयोग द्वारा  विज्ञप्ति, प्रश्नोत्तरी, भर्ती सूचना आदि केवल अंग्रेजी भाषा में प्रसारित किया जाना राजभाषा अधिनियम १९६३ की धारा ३ (३) के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है. अतः,  आयोग द्वारा प्रसारित आदेशों / निर्देशों / समाचार विज्ञप्तियों का हिंदी अनुवाद साइट पर उपलब्ध कराया जाए तथा भविष्य में दोनों भाषाओं में एक साथ जरी हॉं.

३. राजभाषा अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार आयोग की बैठकों की कार्यवाही तथा   कार्यवृत्त (मिनट्स) हिंदी में होना आवश्यक है जिसका पालन अपेक्षित है.
४. आयोग की मुहरें (रबर स्टैम्प्स), लिफाफे (एनवलप), पत्र शीर्ष (लैटर हैड ) आदि द्विभाषी होना चाहिए।
५. आयोग जन सामान्य को  उत्तरदायित्व की अनुभूति करने के लिये लगातर जन शिक्षण हेतु प्रयासरत है किन्तु देशवासियों से संवाद के विदेशी भाषा को प्राथमिकता दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. गुरुदेव रबीन्द्रनाथ ठाकुर के  अनुसार :

               ‘‘किसी भी सभ्य देश में विदेशी भाषा शिक्षा का माध्यम नहीं है । विदेशी भाषा के माध्यम से शिक्षा देने से विद्यार्थियों  का मन विकारग्रस्त हो जाता है और वे  अपने ही देश में स्वयं को विदेशी अनुभव करते हैं।’’         
                अतः , आयोग की विज्ञप्तियां, आदेश आदि हिंदी तथा प्रादेशिक / आंचलिक भाषाओँ / बोलिओं में  हों में हॉं यह आवश्यक है. हमें विश्वास है कि आपके कुशल नेतृत्व में आयोग प्रभावी कदम उठाएगा तथा अधोहस्ताक्षरकर्ता को सूचित किया जाएगा.  यदि हिंदी में अनुवाद य लेखन की कठिनाई हो तो सूचना मिलने पर अनेक हिंदी प्रेमी सहायता हेतु अपनी सेवाएँ सहर्ष देंगें।
                  जय भारत, जय भारती
शुभाकांक्षी                                                                      

संदेश में फोटो देखें
Sanjiv verma 'Salil'
salil.sanjiv@gmail.com
http://divyanarmada.blogspot.in

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