छंद सलिला:
योग छंद
संजीव
*
छंद-लक्षण: जाति महादैशिक , प्रति चरण मात्रा २० मात्रा, यति १२ - ८, चरणांत लघु गुरु गुरु (यगण).
२. भारत सी पुण्य भूमि और नहीं है
धरती पर स्वर्ग कहीं खोज- यहीं है
तरसें भगवान जन्म हिन्द में मिले
३. लेकर क्या आये थे? सोच बताओ
योग छंद
संजीव
*
छंद-लक्षण: जाति महादैशिक , प्रति चरण मात्रा २० मात्रा, यति १२ - ८, चरणांत लघु गुरु गुरु (यगण).
लक्षण छंद:
योग छोड़ और कहाँ, राह मिलेगी?
योग छोड़ और कहाँ, राह मिलेगी?
यति बारह-आठ रखो, वाह मिलेगी
लघु गुरु गुरु अंत रहे, छाँह मिलेगी
टेर देव को समीप, बांह मिलेगी
उदाहरण:
१. हम सब हैं एक भेद-भाव तजो रे
धूप-छाँव भूल राम-नाम भजो रे
लघु गुरु गुरु अंत रहे, छाँह मिलेगी
टेर देव को समीप, बांह मिलेगी
उदाहरण:
१. हम सब हैं एक भेद-भाव तजो रे
धूप-छाँव भूल राम-नाम भजो रे
फूल-शूल जो भी हो, प्रसाद गहो रे
निर्मल जल धार सदृश, शांत बहो रे
२. भारत सी पुण्य भूमि और नहीं है
धरती पर स्वर्ग कहीं खोज- यहीं है
तरसें भगवान जन्म हिन्द में मिले
गीता सा ग्रन्थ बोल और कहीं है?
३. लेकर क्या आये थे? सोच बताओ
लेकर क्या जाओगे? जोड़-घटाओ
जोड़ो या छोडो कुछ शेष न होगा
जोड़ो या छोडो कुछ शेष न होगा
रिश्वत ले पाप व्यर्थ अब न कमाओ
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(अब तक प्रस्तुत छंद: अखण्ड, अग्र, अचल, अचल धृति, अहीर, आर्द्रा, आल्हा, इंद्रवज्रा, उपेन्द्रवज्रा, उल्लाला, एकावली, ककुभ, कज्जल, कामिनीमोहन कीर्ति, गंग, घनाक्षरी, चौबोला, चंडिका, छवि, जाया, तांडव, तोमर, दीप, दोधक, नित, निधि, प्रतिभा, प्रदोष, प्रेमा, बाला, भव, मदनअवतार, मधुभार, मधुमालती, मनहरण घनाक्षरी, मनमोहन, मनोरम, मानव, माली, माया, माला, मोहन, योग, ऋद्धि, राजीव, रामा, लीला, वाणी, शक्तिपूजा, शशिवदना, शाला, शिव, शुभगति, सरस, सार, सिद्धि, सुगति, सुजान, हंसगति, हंसी)
Sanjiv verma 'Salil'
salil.sanjiv@gmail.com
http://divyanarmada.blogspot. in
(अब तक प्रस्तुत छंद: अखण्ड, अग्र, अचल, अचल धृति, अहीर, आर्द्रा, आल्हा, इंद्रवज्रा, उपेन्द्रवज्रा, उल्लाला, एकावली, ककुभ, कज्जल, कामिनीमोहन कीर्ति, गंग, घनाक्षरी, चौबोला, चंडिका, छवि, जाया, तांडव, तोमर, दीप, दोधक, नित, निधि, प्रतिभा, प्रदोष, प्रेमा, बाला, भव, मदनअवतार, मधुभार, मधुमालती, मनहरण घनाक्षरी, मनमोहन, मनोरम, मानव, माली, माया, माला, मोहन, योग, ऋद्धि, राजीव, रामा, लीला, वाणी, शक्तिपूजा, शशिवदना, शाला, शिव, शुभगति, सरस, सार, सिद्धि, सुगति, सुजान, हंसगति, हंसी)
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