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शनिवार, 12 अप्रैल 2014

 डॉ. रामप्रकाश सक्सेना वर्धा हिंदी शब्दकोश के संपादक नियुक्त हुए
‘महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति ने वर्धा हिंदी शब्दकोश’ का प्रधान संपादक डॉ. रामप्रकाश सक्सेना को नियुक्त किया है. देश में वर्तमान भाषाविदों और कोशविज्ञानियों बद्रीनाथ कपूर, अरविंद कुमार, विमलेशकांति वर्मा, महावीर सरन जैन के अलावा कई कोशकार और भाषाविद मौजूद हैं, बद्रीनाथ कपूर ने कई कोश बनाए हैं, अरविंद कुमार का ‘अरविंद सहज समांतर कोश’ बहुत लोकप्रिय हुआ। विमलेशकांति वर्मा ने तीन कोश तैयार किए- ‘बल्गारियन हिंदी शब्दकोश’, ‘लरनर हिंदी-इंग्लिश डिक्शनरी’ और ‘लरनर हिंदी-इंग्लिश थीमेटिक विज्युअल डिक्शनरी’। महावीर सरन जैन देश के प्रतिष्ठित भाषाविद हैं। डॉ. सक्सेना पूर्व में हो चुके कार्यों की तुलना में अधिक उपयोगी शब्दकोश बना सकेंगे यही आशा है. शब्द विज्ञान में रूचि रखनेवाले सज्जन डॉ. सक्सेना से संपर्क कर उन्हें सहयोग दें तो कार्य अधिक व्यापक और बहुआयामी हो सकेगा।
हार्दिक बढ़ाई और शुभ कामनाएँ।
डॉ. रामप्रकाश सक्सेना जी का संपर्क - https://www.facebook.com/drramprakash.saxena
वर्धा हिंदी कोश - http://www.hindisamay.com/contentDetail.aspx?id=3159&pageno=1
* संतोष श्रीवास्तव को प्रियंवदा साहित्य सम्मान

संतोष श्रीवास्तव को प्रियंवदा साहित्य सम्मान मूलचंद स्मृति संस्थान की अध्यक्ष डॉ.मिथिलेश मिश्र ने ख्यात कथा-लेखिका संतोष श्रीवास्तव Santosh Srivastava को प्रियंवदा साहित्य सम्मान से सम्मानित किया है। यह पुरस्कार 20 नवंबर 2013 को लखनऊ में दिया जाना था लेकिन संतोष जी की अनुपस्थिति के कारण मुम्बई में उन्हें यह पुरस्कार दिया गया । पुरस्कार के अंतर्गत स्मृति चिन्ह, शॉल तथा मानधन दिया गया। इसी तरह कानपुर की भूतपूर्व सैनिकों एवं युद्ध विधवाओं के कल्याणार्थ स्थापित बिगुल संस्था ने भी साहित्य के क्षेत्र में संतोष श्रीवास्तव के विशिष्ट योगदान के लिए प्रमुख अतिथि कमोडोर के.आई.रवि (वी.एस.एम. भारतीय वायुसेना)के करकमलों द्वारा प्रशस्तिपत्र तथा मानधन देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर संतोष श्रीवास्तव ने सैनिक जीवन पर लिखी अपनी कहानी "उस पार प्रिये तुम हो" का पाठ किया।

मूलचंद स्मृति संस्थान की अध्यक्ष डॉ.मिथिलेश मिश्र ने ख्यात कथा-लेखिका संतोष श्रीवास्तव Santosh Srivastava को प्रियंवदा साहित्य सम्मान से सम्मानित किया है। यह पुरस्कार 20 नवंबर 2013 को लखनऊ में दिया जाना था लेकिन संतोष जी की अनुपस्थिति के कारण मुम्बई में उन्हें यह पुरस्कार दिया गया । पुरस्कार के अंतर्गत स्मृति चिन्ह, शॉल तथा मानधन दिया गया। इसी तरह कानपुर की भूतपूर्व सैनिकों एवं युद्ध विधवाओं के कल्याणार्थ स्थापित बिगुल संस्था ने भी साहित्य के क्षेत्र में संतोष श्रीवास्तव के विशिष्ट योगदान के लिए प्रमुख अतिथि कमोडोर के.आई.रवि (वी.एस.एम. भारतीय वायुसेना)के करकमलों द्वारा प्रशस्तिपत्र तथा मानधन देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर संतोष श्रीवास्तव ने सैनिक जीवन पर लिखी अपनी कहानी "उस पार प्रिये तुम हो" का पाठ किया।
* कवि स्वप्निल श्रीवास्तव को वर्ष 2010 के अंतराष्ट्रीय पुश्किन पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा।

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