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मंगलवार, 13 मई 2014

geet: god mere! -sanjiv

अभिनव प्रयोग:
गीत
वात्सल्य का कंबल
संजीव
*
गॉड मेरे! सुनो प्रेयर है बहुत हंबल
कोई तो दे दे हमें वात्सल्य का कंबल....
*
अब मिले सरदार सा सरदार भारत को
अ-सरदारों से नहीं अब देश गारत हो
असरदारों की जरूरत आज ज़्यादा है
करे फुलफिल किया वोटर से जो वादा है
एनिमी को पटकनी दे, फ्रेंड को फ्लॉवर
समर में भी यूँ लगे, चल रहा है शॉवर
हग करें क़ृष्णा से गंगा नर्मदा चंबल
गॉड मेरे! सुनो प्रेयर है बहुत हंबल
कोई तो दे दे हमें वात्सल्य का कंबल....
*
मनी फॉरेन में जमा यू टर्न ले आये
लाहौर से ढाका ये कंट्री एक हो जाए
दहशतों को जीत ले इस्लाम, हो इस्लाह
हेट के मन में भरो लव, ​शाह के भी शाह  
कमाई से खर्च कम हो, हो न सिर पर कर्ज

यूथ-प्रायरटी न हो मस्ती, मिटे यह मर्ज
एबिलिटी ही हो हमारा,ओनली संबल
 गॉड मेरे! सुनो प्रेयर है बहुत हंबल
कोई तो दे दे हमें वात्सल्य का कंबल....
*
 
कलरफुल लाइफ हो, वाइफ पीसफुल हे नाथ!  
राजमार्गों से मिलाये हाथ हँस फुटपाथ  
रिच-पुअर को क्लोद्स पूरे गॉड! पहनाना
चर्च-मस्जिद को गले, मंदिर के लगवाना
फ़िक्र नेचर की बने नेचर, न भूलें अर्थ
भूल मंगल अर्थ का जाएँ न मंगल व्यर्थ 
करें लेबर पर भरोसा, छोड़ दें गैंबल
 गॉड मेरे! सुनो प्रेयर है बहुत हंबल
कोई तो दे दे हमें वात्सल्य का कंबल....
*   
 

(इस्लाम = शांति की चाह, इस्लाह = सुधार)

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